C.M. साहब बुंदेलखंड का मजबूर किसान सिर्फ रो नहीं पा
रहा,करोड़ों का हो चुका है घोटाला उड़द की खरीद में
अधिकारियों की मिलीभगत से:पूर्ण खबर : रि.नीरज साहू
झांसी / बुंदेलखंड उत्तर प्रदेश में वर्तमान समय में भारतीय जनता पार्टी की योगी जी की सरकार है I भारतीय जनता पार्टी की सरकार का प्रयास है कि जनहित में कार्य किए जाएं l इसी प्रयास में किसानों के लिए भी निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं l केंद्र सरकार की नैफेड योजना के तहत राज्य सरकार कि पीसीएफ जिले में झांसी डीएम करण सिंह चौहान द्वारा अनुमोदित होने पर कार्य कर रही है l
राज्य मूल्यांकन समिति द्वारा 54 रुपए के हिसाब से उर्द खरीद करने के गल्ला मंडी में निर्देश दिए गए हैं l लेकिन सही मायने में झांसी जनपद में चिरगांव गल्ला मंडी गुरसराय गल्ला मंडी और झांसी जिले की भोजला नवीन गल्ला मंडी में बड़े घोटाले की नीव रखी है l यहां पर किसानों कि उर्द की खरीद के लिए प्रति कुंटल 500,1000 ,1500 प्रति कुंतल के हिसाब से बसूला जा रहा हे और कभी सैंपल के नाम पर लूट-खसोट जारी है l यदि किसान तुलाई के नाम का पैसा नहीं देते हैं तो किसान का तत्काल सैंपल फेल कर दिया जाता है l इस पर तत्कालीन एसडीएम ने मौके पर जाकर सैंपल अधिकारी को चेतावनी दी थी लेकिन इसका असर अब उल्टा देखने को मिल रहा है इन के सैंपल अधिकारी और दलालों, पल्लेदारों की मदद से गरीब किसान से पैसा वसूली निरंतर चल रही है और जो किसान पैसा नहीं दे रहा है वह 10 दिन से 15 दिन से बैठा हुआ है और उसका उर्द नहीं तुल रहा हे l और वह किसान जिसकी 10 या 12 बोरी की फसल हुई है उसका तो वहां नंबर ही नहीं आ रहा है l हालांकि अधिकारी सारा दोष किसानों पर ही मड़ रहे हैं लेकिन सूखे बुंदेलखंड में किसानों की वर्तमान सरकार के अधिकारी ही उनकी योजनाओं को धराशाई करने में लगे हैं l
लेकिन कहीं ना कहीं इस घोटाले को जानिए कैसे !
अभी कुछ समय पहले उर्द की खरीद दीपावली के आसपास झाँसी और जनपद की गल्ला मंडी में व्यापक रूप से की गई थी जिसमें व्यापारियों ने बताया था की 22 सो और 26 सो रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से किसानों ने अपना माल बेचा था l अब राज्य सरकार ने मूल समर्थन योजना के अंतर्गत उड़द के रेट सरकारी विक्री के अंतर्गत 54 रखा जो किसानों ने पहले अपना माल बेच दिया वह घाटे में रहा वहीं दूसरी ओर खरीदी हुई उड़द के दाम 54 होने पर व्यापारियों को पैसा कमाने का अवसर दोबारा प्राप्त हो गया 1000 प्रति कुंतल के हिसाब से तुलाई केंद्र पर व्यापारी डायरेक्ट अधिकारी से बात करके अपना ट्रैक्टर पहले लगवा लेता है और उसके लिए भी किसानों को थोड़े से पैसे की लालच और एजेंट बनाकर नवीन गल्ला मंडी भोजला, गुरसराय मंडी और चिरगांव मंडी मैं भेजा जा रहा है पर व्यापारी का माल 2200 सो रुपए 3600 के हिसाब से बिक रहा है वही लगभग प्रति कुंटल पर व्यापारी को शुद्ध 1500 से 2000 का लाभ हो रहा है l
लिस्ट और नंबर का खेल....
वही किसानों की सबसे बड़ी शिकायत यह रही है कि उनका नंबर ही नहीं आ रहा है l जबकि वह अपने कागज खसरा, खतौनी, आधार कार्ड और पासबुक पहले ही जमा कर चुके हैं l उसके बाद उनके मोबाइल फोन पर SMS आ चुका है लेकिन इसके बाद भी उनका नंबर कभी नहीं आता और किसानों ने कहा है कि यहां पर रोज नियम बदलते हैं, सभी अधिकारी अपने-अपने हिसाब से डेली लिस्ट बनाते हैं और फिर उसी हिसाब से उड़द की तुलाई का काम होता है l लेकिन देखने को आता है कि जो ट्रैक्टर खाली हो जाता है उसके स्थान पर दूसरा ट्रैक्टर लग जाता है और छोटे छोटे किसानों का किसानी का खाधान्न ने वहीं पड़ा रह जाता है l प्रतिदिन नई लिस्ट बनना और फिर उसी के अनुसार कार्य करना कहीं ना कहीं बड़े घोटाले का संकेत देता है l
किसानों की दुर्दशा
एक और जो किसान अपना उर्दू ईमानदारी से बचने के लिए मंडी जा रहे है अधिकारी पैसा ना मिलने के कारण किशानो को टरका रहे हैं l किसान अपने 10 ,15 बोरों की रखवाली करते हुए वहीं पर बैठा हुआ है कोई किसान तो 12 या 13 या अधिक दिनों से जमा हुआ है अभी तक उसके थोड़े से किसानी की खरीदारी नहीं हो पाई l वही शासन की लापरवाही और अधिकारियों की मिलीभगत निरंतर देखने को मिल रही है l
बहती गंगा में सभी धो रहे हाथ l
एक और किसानों की मजबूरी का फायदा सभी उठाने को लगे हुए हैं और इसमें किसान भी पीछे नहीं हैं वहीं दूसरी ओर M . P . दतिया, भांडेर से भी प्रशासन की आंखों में धूल झोंककर उर्दू के ट्रैक्टर निरंतर आ रहे हैं और अधिकारियों को सुविधा शुल्क देकर व्यापारि का माल चिरगांव, गुरसराय और भोजला झांसी जिले की मंडी में पाया जा रहा है l
इस तरह से अगर आकलन किया जाए तो अभी तक करोड़ों का घोटाला हो चुका है और अब कुछ दिन ही शेष रह गए है लेकिन अभी भी मंडियों में हजारों कुंतल उर्द ट्रैक्टरों में दालानों में रखा हुआ है अब देखना है कि प्रशासन क्या करता है l
करोड़ों का घोटाला
एक और योगी सरकार की मंशा है कि किसानों को फायदा पहुंचाया जाए और दूसरी ओर झांसी के जिलाधिकारी केवल आश्वासन पर आश्वासन देते हैं और छोटी मोटी कार्यवाही कर अपना कर्तव्य निर्वाह कर लेते हैं l लेकिन यह बात किसी से छुपी नहीं है कि बगैर शासन की मिलीभगत से इतना बड़ा घोटाला होना संभव नहीं है कहीं ना कहीं इन अधिकारियों को जो रुपया कमाने का मौका मिला है उसमें सभी मिलकर बुंदेलखंड के गरीब किसान को लूटने से बाज नहीं आ रहे हैं l एक और सरकार के बड़े दावे हवा-हवाई नजर आ रहे हैं और उन्हीं के अधिकारी नए नए तरीके अपनाकर पैसे वालों को पैसा और गरीब किसान को गरीब किसान बना रहे हैं l इसमें जनप्रतिनिधि अपने चहेतों को फोन द्वारा उनका खादान बिकवा रहे हैं l वहीं दूसरी ओर किसान नेता, पार्टी के कार्यकर्ता और व्यापारियों के दलाल इस लूट-खसोट में पूरी तरह से सक्रिय हैं l
उड़द का सच……
सिक्के का यह पहलू भी कहता है कि जहां एक और बुंदेलखंड सूखाग्रस्त पानी ना मिलने के कारण कई आपदाओं से जूझता रहता है और स्थानीय नेता बुंदेलखंड को सूखाग्रस्त घोषित करने के लिए पुरजोर मांग करते रहते हैं वही जिस हिसाब से उड़द की झांसी मंडी, गुरसराय और चिरगांव में किसान बेचने के लिए आ रहे हैं क्या इतनी फसल वाकई में हुई है l इस पर हमारी बात व्यापारी नेता हरिशंकर बिदुवा जी से हुई उन्होंने बताया कि, सौ परसेंट मै से 20 पर्सेंट फसल सही हुई है झांसी जनपद में लगभग एक लाख किसान है और यह जो माल आ रहा है वह इन्हीं किसानों का है l लेकिन इसमें भी कहीं बाहर के राज्यों से अधिकारियों के सहयोग से व्यापारी किसानों के माध्यम से अपना माल बेच रहे हैं इसकी भी जांच होनी चाहिए l
वहीं दूसरी ओर नवीन गल्ला मंडी भोजला पर केवल दो कांटे ही लगाए गए हैं जबकि जिस हिसाब से निरंतर किसानों का उड़द आ रहा है उस हिसाब से कम से कम 6 कांटों की व्यवस्था प्रशासन को करनी चाहिए थी l लेकिन दो कांटों से किसानों के बीच और वहां पर अफरा-तफरी का माहौल हर समय रहता है l
neeraj sahu c. e. jhansi darshan