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योगी जी ! डीएम के आदेश पर एसडीएम, तहसीलदार, थानाध्यक्ष ने रौंद डाली खड़ी फसल, गरीब किसान परिवार सहित गिरे अधिकारियों के चरणों पर:रि-=धीरेन्द्र रायकवार

झांसी/मोंठ | बुन्देलखण्ड में गरीबी व्यापक रूप से अपने पाॅव पसारे हुए है और वहीं गरीब किसान प्रकृति की मार झेलने के लिए मजबूर है | एक ओर योगी सरकार निरंतर प्रयास तो कर रही है लेकिन पालायन की स्थिति बुन्देलखण्ड में जस की तस बनी हुई है। ग्राम कुम्हाड़ार तहसील मोंठ के अन्तर्गत गांव में लगभग आधा दर्जन से अधिक परिवार अपनी रोजी-रोटी चलाने के लिए कई वर्षो पहले रहमो करम की भूमि पर खेती किसानी करते आ रहे है और वर्तमान समय में उनकी इस भूमि पर गेहूं की फसल लगी हुई है। जो कि गऊचर की बताई जा रहीं हैं,| जिस पर किसानों ने आपत्ति की।
अधिकारियों से दुहाई मांगते किसान
आज सम्पूर्ण समाधान दिवस पर झांसी जिलाधिकारी एवं मोंठ ब्लाक के सभी अधिकारी मौजूद थे। ग्राम कुम्हाड़ार के ध्रुव सिंह परमार ने जिलाधिकारी को शिकायत पत्र देते हुए बताया कि गऊचर की जमीन पर किसान अपनी फसल बोये हुए है। इस मामले पर बुन्देलखण्ड के किसानों के मसीहा किसान नेता वर्तमान विधायक जवाहर सिंह राजपूत ने भी अपना पारा बदलते हुए डीएम से व्यक्तिगत मुलाकात कर गऊचर की भूमि को कब्जा मुक्त कराने की पैरवी करते हुए नजर आये । एक ओर किसानों की बड़ी-बड़ी बात करने वाले नेता विधायक बनते ही किसानों का दर्द भूल गये। वहीं फोन पर बात करने पर उनका कहना है कि वह अब फोन पर बात नहीं करेंगे। मामला कुछ भी हो सामने ही बात करेंगे। वहीं दूसरी ओर डीएम के आदेशानुसार शिकायती पत्र ध्रुव सिंह परमार की गऊचर जगह पर तत्काल शासन ने अपनी शक्ति का परिक्षण किया और मौके पर एसडीएम पूनम निगम और तहसीलदार एवं मोंठ थानाध्यक्ष कामता प्रसाद लाव लशकर लेकर किसान की खडी हुई फसलों को टैक्ट्रर से रौंदने लगे | यह देखकर वहां पर गरीब किसान एकत्रित होने लगे और वह एसडीएम साहिबा तहसीलदार एवं थानाध्यक्ष के चरणों में गिर गये और गरीब किसान की महिलायें एवं बूढ़े बुजुर्ग और लाचार किसान जो चलने में असमर्थ थे बच्चे सहित खेतों में लेट गये और हाथ पैर जोड़ने लगे।
गरीब किसान महिला
इस पर एसडीएम ने शासन के आदेश की दुहाई देते हुए अपनी लाचारी और मजबूरी किसानों के सामने जाहिर की। लेकिन लगभग आंशिक रूप से खड़ी फसल का नुकसान हो चुका है और मध्य रात्रि होने पर गरीब किसानो को हिदायत देते हुए चले गये। समाजवादी पार्टी की सरकार के बाद लोगों को बीजेपी सरकार से बड़ी आशाये थी और किसान नेताओं से जो वर्तमान में विधायक है और यह आशाये अब कहीं जमीनी स्तर पर भली भूत नजर नहीं आ रही है। एक ओर सरकार बुन्देलखण्ड की तरक्की में कार्य करना चाहती है और वही दूसरी ओर योगी जी की मंशा पर उन्हीं के नेता अधिकारीगण पानी फेर रहे है।

 

edit-AYUSH SAHU

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